Monday, December 15, 2025
Uttarakhand

पीआरडी जवानों के बच्चों को छात्रवृत्ति और दिवंगत पीआरडी स्वयंसेवकों के आश्रितों को सहायता राशि के चेक भी प्रदान किए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून स्थित युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल निदेशालय में प्रान्तीय रक्षक दल (पीआरडी) के ‘स्थापना दिवस’ के अवसर पर रैतिक परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने पीआरडी जवानों के बच्चों को छात्रवृत्ति और दिवंगत पीआरडी स्वयंसेवकों के आश्रितों को सहायता राशि के चेक भी प्रदान किए।

मुख्यमंत्री ने पीआरडी जवानों के लिए एक विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना, ड्यूटी के दौरान चिकित्सालय में भर्ती होने की स्थिति में उपचार के दौरान ड्यूटी पर ही मानने व उन्हें अधिकतम छह माह का मानदेय देने और ग्राम अस्थल रायपुर में खेल मैदान के निर्माण की घोषणा की।

इस दौरान उन्होंने कहा कि पीआरडी जवान, धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति के साथ प्रदेश में सुरक्षा और जनसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। पीआरडी जवान प्रदेश में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने, सुरक्षा व्यवस्था, लिपिकीय कार्यों और विभिन्न विभागीय दायित्वों, प्राकृतिक आपदाओं में चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में कार्य कर प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। चार धाम यात्रा के दौरान भी जवानों ने धैर्य, संवेदनशीलता और सजगता के साथ लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा कराने में सहयोग किया।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने पीआरडी जवानों के कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। राज्य गठन के समय पीआरडी जवानों को मात्र ₹65 प्रतिदिन भत्ता मिलता था। अब उसमें 10 गुना वृद्धि करते हुए उसे ₹650 प्रतिदिन किया गया है। पीआरडी जवानों के आश्रित बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने मृत एवं घायल पीआरडी जवानों और उनके आश्रितों को ₹70 लाख रुपये से अधिक की सहायता राशि प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने कहा 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद सेवानिवृत्त हुए पीआरडी जवानों को ₹18 लाख का एकमुश्त सेवा-भत्ता भी प्रदान किया है। साम्प्रदायिक दंगों में ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को मिलने वाली राशि को एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रूपये किया गया है। पीआरडी जवान की अति- संवेदनशील ड्यूटी में मृत्यु होने पर देय राशि ₹75 हजार से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये की है। सामान्य ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने की दशा में मिलने वाली राशि को भी ₹50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।



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