AIIMS ऋषिकेश में सीबीआई के छापे से प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप

बड़े घोटाले की आशंका में महत्वपूर्ण दस्तावेजों और कंप्यूटर डाटा की जांच जारी

संस्थान में दवा खरीद और फर्जी स्थायी नियुक्तियों कोे लेकर चर्चा में रहा एम्स ऋषिकेश सीबीआई के छापे से एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। विगत कुछ दिनों से अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान के विभिन्न अनुभागों में एक टीम कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क में मौजूद डाटा खंगाल रही थी। कर्मचारियों ने समझा की कोई तकनीकी टीम कंप्यूटरों में आये फाल्ट को ठीक कर रही है। लेकिन जैसे पता चला कि यह कोई कंप्यूटर मरम्मत करने वाले टेक्नीशियन नहीं बल्कि सीबीआई की टीम है जो बड़ी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क में मौजूद डाटा को एकत्र कर रही है। वैसे ही एक्स के प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। बीते बृहस्पतिवार को सीबीआई की चार टीमों ने एम्स में जांच शुरू की थी। लेकिन एम्स प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को भी इसकी कानों कान खबर नहीं लगने दी। शनिवार को जब सीबीआई की टीम ने संस्थान में एक के बाद एक विभिन्न अनुभागों में जाकर कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क में मौजूद डाटा को एकत्र करना शुरू किया तो तब छापामारी की कार्रवाई का पता चला। कंप्यूटरों में मौजूद डाटा को कब्जे में लेने के बादसीबीआई सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज और कंप्यूटर डाटा की जांच कर रही है। वहीं संबधित अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है।
गौरतलब है किएम्स ऋषिकेश फर्जी स्थायी नियुक्तियों, उपकरणों और दवा की खरीदारी को लेकर लंबे समय से चर्चा में है। फर्जी नियुक्तियों को लेकर कई मुकदमे भी दर्ज हुए हैं। वहीं आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती करने वाली एजेंसी पर भी भर्ती के नाम पर पैसे लेने के आरोप लगते रहे हैं। एम्स की ओर से देहरादून के एक विक्रेता से की गई खरीदारी के ई.वे बिल में सामान पानी के जहाज से भेजना तक दर्शाया गया था।

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