कश्मीर में सीआरपीएफ के पास नहीं है अपनी ठौर, कश्‍मीरी पंडितों के खाली घरों, अस्‍पतालों, स्‍कूलों, होटल यहां तक कि मंदिरों में भी ले रखी है ‘शरण’

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा और अमन बहाली के लिए दिन रात मुस्तैद CRPF को जगह की कमी के कारण कई जगह अपनी छत भी नसीब नहीं है। अपने सैकड़ों जवानों को खोने के बाद भी सीआरपीएफ वर्षों से अपने बुलंद हौसलों से आतंकवाद से लड़ रही है। इस समय करीब 65 हजार जवान कश्‍मीर घाटी में तैनात हैं। लेकिन कई स्थानों पर उसे रहने के लिये अपनी छत तक मयस्सर नहीं है। जिस कारण उन्होंने कश्‍मीरी पंडितों के खाली घरों, अस्‍पतालों, स्‍कूलों, होटलों यहां तक कि मंदिरों में भी ‘शरण’ ले रखी है। जम्‍मू-कश्‍मीर में पेशेवर ड्यूटी को अंजाम देने के लिए ऐसे करीब 737 परिसरों में, सीआरपीएफ को तैनात किया है। अभी तक जिन भी घरों व परिसरों के CRPF है उनके मालिकों या वारिसों ने उनसे अपने घर व परिसर खाली करने का अनुरोध नहीं किया है। बावजूद इसके सीआरपीएफ का कहना है कि अगर हमसे, कोई परिवार कहेगा तो हम, कश्‍मीरी पंडितों के घरों को खाली कर देंगे। सरकार हमारे जवानों को कोई अन्‍य स्‍थान उपलब्‍ध कराएगी।
CRPF ने जहां अपना ठिकाना बना रखा है उनमें एक स्‍कूल, एक अस्‍पताल, दो सिनेमाघरों, आठ बाग, 26 औद्योगिक इकाइयां और फैक्‍टरियां, 30 होटल, 71 कृषि उपयोग की जमीन और अन्‍य निजी बिल्डिंग- जिसमें कश्‍मीरी पंडितों के घर और 333 अन्‍य सरकारी इमारतें शामिल हैं। सीआरपीएफ ने इन परिसरों पर अवैध रूप से कब्‍जा नहीं किया है। बल्कि ये स्‍थान, स्‍थानीय सरकार की ओर से सीआरपीएफ को उपलब्‍ध कराए गए हैं और वे इसके लिए किराया भी देते हैं। सीआरपीएफ को जम्‍मू कश्‍मीर प्रशासन से 10 स्‍थानों पर 524 कनाल जमीन मिली है, जिसमें वह अपना कैंप विकसित कर रही है।

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