जलवायु संकट पर आपातकाल घोषित करने की मांग – उत्तराखण्ड की रिद्धिमा ने 14 बच्चों सहित संयुक्त राष्ट्र संघ में दायर की याचिका

अवैध खनन, जंगलों का कटान, प्रदूषण के कारण लगातार जलवायु परिवर्तन के खतरों को देखते हुए दुनियांभर के 14 बच्चों के समूह ने सुयुक्त राष्ट्र संघ में जलवायु संकट पर आपालकात घोषित करने की मांग की है। इसमें उत्तराखण्ड के हरिद्वार की रहने वाली 10वीं की छात्रा रिद्धिमा पांडे भी शामिल है। यह याचिका संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के समक्ष दायर की गयी है। याचिका में भारत के संदर्भ में कहा गया है कि मनुष्य की सुख सुविधा के लिए जंगलों को लगातार काटा जा रहा है। गंगा और उसकी सहायक नदियों से जिस तरह खनन किया जा रहा है, उससे जलवायु पर गहरा असर पड़ रहा है। याचिका में कहा गया है कि जिस प्रकार सभी देशों ने कोविड-19 पर आपातकाल घोषित किया, उसी प्रकार जलवायु संकट पर भी आपातकाल घोषित कर जलवायु को सुरक्षित किया जाए। ताकि आने वाली पीढ़ी भी देश.दुनिया में पर्यावरण के साथ अपना जीवन मिल सके और उन्हें भी उनके प्राकृतिक अधिकार मिल सके।  वर्ष 2019 में  5 देशों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ की चाइल्ड राइट कमेटी में आवाज उठाने वाली उत्तराखण्ड की बेटी रिद्धिमा पांडेय ने अन्य पर्यावरण एक्टिविस्ट बच्चों के साथ अब दुनियाभर में जलवायु संकट पर आपातकाल घोषित करने की मांग की है। रिद्धिमा बचपन से ही पर्यावरण के प्रति बेहद सजग है। रिद्धिमा पर्यावरण को बचाने के लिए देश-विदेश में अलख जगा रही हैं।

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