श्रीलंका में हिंसक प्रदर्शनों के बाद इमरजेंसी का एलान
भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हिंसक प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे में बड़ा कदम उठाते हुए इमरजेंसी का एलान कर दिया है। आपातकालीन नियमों के तहत, राष्ट्रपति किसी भी संपत्ति पर कब्जा करने और किसी भी परिसर की तलाशी लेने के लिए हिरासत को अधिकृत कर सकता है। वह किसी भी कानून को बदल या निलंबित भी कर सकता है।
गुरुवार को राष्ट्रपति आवास के बाहर हुए जबर्दस्त प्रदर्शनों के बाद यह कदम उठाया गया है। नाराज नागरिक देश में व्याप्त घोर आर्थिक संकट के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे। राष्ट्रपति के आवास के पास लगे स्टील अवरोधक को गिराए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की। इसके बाद 45 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और कोलंबो शहर के ज्यादातर इलाकों में कुछ देर के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया गया। हिंसक प्रदर्शन पर राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा, मेरा मानना है कि यह श्रीलंका में सार्वजनिक आपातकाल की घटना थी। इसके लिए जरूरी हो गया था कि ऐसे सख्त कानूनों को लागू किया जाए जिनसे सुरक्षा बलों को संदिग्धों को अरेस्ट करने और उन्हें हिरासत में लेने का व्यपाक अधिकार मिल जाएं।
बताते चलें कि श्रीलंका की जनता घोर आर्थिक संकट से जूझ रही है और इसके लिए वह मौजूदा राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे को जिम्मेदार मानती है। श्रीलंका 1948 के बाद से सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है, उसके पास पेपर छापने तक के पैसे नहीं हैं। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसे आवश्यक सामान की कमी हो गई है। देश में हालत यह है कि दिन में 13 घंटे तक बिजली गुल रहती है।