टीएमयू फॉरेंसिक के स्टुडेंट्स ने की हॉक आई लैब विजिट

सीबीआई के सेवानिवृत्त ऑफिसर श्री दीपक हांडा से भी रूबरू हुए फॉरेंसिक के स्टुडेंट्स

  • ख़ास बातें
  • कम्प्यूटर और मोबाइल के बेजां उपयोग से अपराधों में इजाफा: श्री आशीष
  • हॉक आई लैब रिसर्चर्स और ट्रेनर्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं
  • प्रजेंटेशन के दौरान आशीष सर से चला सवाल-जवाब का दौर भी
  • टीएमयू फॉरेंसिक के 40 स्टुडेंट्स और फेकल्टीज़ प्रतिनिधिमंडल में शामिल

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल में डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेंसिक साइंस की ओर से स्टुडेंट्स को हॉक आई फॉरेंसिक लैब, नोएडा के शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं को डिजिटल एंड साइबर फॉरेंसिक की बारीकियां बताई गई। मानव जीवन में कम्प्यूटर और मोबाइल का उपयोग बढ़ने से साइबर अपराधों में भी वृद्धि हुई है। हॉक आई फॉरेंसिक के डायरेक्टर श्री आशीष कुंतल ने डिजिटल एंड साइबर फॉरेंसिक क्षेत्र में प्रयोग होने वाले उपकरणों और तकनीकों जैसे- फॉरेंसिक टूल किट, एनकेस और सेलेब्राइट यूएफईडी आदि का डेमो भी दिया। उन्होंने इस फील्ड से जुड़े विभिन्न कोर्सेज जैसे- सीएचएफआई, सीईएफ, सीसीटी आदि के बारे में भी विस्तार से बताया। श्री कुंतल ने डिजिटल फॉरेंसिक के क्षेत्र से जुड़ी जॉब्स के बारे में भी जानकारी दी। इस मौके पर छात्र-छात्राएं सीबीआई के रिटायर्ड अफसर श्री दीपक हांडा से भी रूबरू हुए। श्री हांडा ने न केवल अपने अनुभवों को साझा किया बल्कि स्टुडेंट्स के सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासा का समाधान भी किया।

शैक्षिक भ्रमण से लौटने के बाद फॉरेंसिक विभाग के एचओडी श्री रवि कुमार ने बताया, निदेशक श्री आशीष कुंतल ने पीपीटी के जरिए स्टुडेंट्स को डिजिटल एंड साइबर फॉरेंसिक के बारे में बताया। दो घंटे की पीपीटी के दौरान छात्र-छात्राओं ने सवाल भी किए। बीएससी फॉरेंसिक सेकेंड ईयर के छात्र जितेन्द्र कुमार ने पूछा, साइबर में डिग्री लेने के बाद जॉब की क्या संभावनाएं है? थर्ड ईयर के छात्र अभिजीत वर्धन की जिज्ञासा थी, आपकी कंपनी में इंटर्नशिप करने की क्या प्रक्रिया है? सेकेड ईयर की स्टुडेंट्स क्यूरी सिंह ने फॉरेंसिक फील्ड में उपयोग होने वाले उपकरणोें के बारे में पूछा। छात्रा प्रेरणा चौहान ने सवाल किया, सर्टिफाइड कम्प्यूटर फॉरेंसिक इंवेस्टिगेटर कैसे बन सकते हैं? निदेशक श्री कुतंल ने सभी सवालों के तर्कसंगत जवाब दिए। प्रजेंटेशन के बाद टीएमयू फॉरेंसिक के स्टुडेंट्स ने लैब के ऑडियो/वीडियो विभाग, फिंगर प्रिट विभाग का दौरा करके तमाम सवालात पूछे। अंत में ग्रुप फोटो भी हुआ। इस भ्रमण का मुख्य आकर्षण सीबीआई के पूर्व अधिकारी श्री दीपक हांडा से संवाद रहा। हालांकि मुलाकात तो संक्षिप्त रही लेकिन सवालों का दौर चला जैसे- क्या प्राइवेट फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी अपना एक्सपर्ट ओपिनियन कोर्ट में रख सकता है? उन्होंने अदालत से जुड़े बड़े फॉरेंसिक फैसलों के अनुभव भी साझा किए। अंत में उन्होंने छात्रों को स्वर्णिम करियर के लिए तमाम टिप्स दिए। इस एजुकेशनल भ्रमण में कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के फॉरेंसिक विभाग के एचओडी श्री रवि कुमार के अलावा मिस चिंतकयाल पूर्णिमा के नेतृत्व में फॉरेंसिक के 40 स्टुडेंट्स शामिल रहे। उल्लेखनीय है, टीएमयू का फॉरेंसिक विभाग छात्र-छात्राओं को समय-समय पर सरकारी फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्रीज़ के साथ-साथ प्राइवेट मॉर्डन फॉरेंसिक लैब्स का भी भ्रमण करता रहता है। विभाग में अतिथि व्याख्यानों और वर्कशॉपों का भी आयोजन होता है।

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