राजस्थान में कर्ज नहीं चुकाने पर किसानों की कृषि भूमि की नीलामी रोकने के निर्देश
दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में किसान की 15 बीघा जमीन की नीलामी के बाद बैकफुट पर गहलोत सरकार
राजस्थान में रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आने वाले व्यवसायिक बैंकों द्वारा किसानों के ऋण न चुका पाने के कारण रोड़ा एक्ट के तहत की जा रही भूमि कुर्की व नीलामी की कार्यवाही को राज्य सरकार ने रोकने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश राजस्थान के दौसा और थानागाजी में कर्ज नहीं चुकाने पर किसानों की जमीन नीलाम होने के बीच सीएम गहलोत ने राजस्थान में कृषि भूमि नीलामी रोकने के दिए निर्देश है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ट्वीट कर नीलामी रोकने के निर्देश दिए है। राजस्थान सरकार ने राज्य में सहकारी बैंकों के ऋण माफ किये हैं और भारत सरकार से भी आग्रह किया है कि कमर्शियल बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें। राज्य सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने हेतु तैयार है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था। परन्तु अभी तक राज्यपाल की अनुमति ना मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है। मुझे दुख है कि इस कानून के ना बनने के कारण ऐसी नौबत आई। मैं आशा करता हूं कि इस बिल को जल्द अनुमति मिलेगी। जिससे आगे ऐसी नीलामी की नौबत नहीं आएगी।
दरसल दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में एक किसान की 15 बीघा जमीन की नीलामी के बाद आलोचना में घिरी गहलोत सरकार बैकफुट पर आ गई है। दौसा के रामगढ़ पचवारा के जामुन की ढाणी निवासी कजोड़ मीणा ने खेत में नलकूप लगाने के लिए करीब 3 लाख 87 हजार का कर्ज राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से लिया था. लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह लोन नहीं चुका सका. करीब ढाई 2 माह पूर्व किसान कजोड़ मीणा की मौत हो गई थी। इसके बाद बैंक प्रशासन ने किसान के बेटों से कर्ज चुकाने के लिए नोटिस जारी किए। किसान पर ब्याज सहित करीब 7 लाख रुपए का ऋण हो चुका था। जब किसान का परिवार कर्ज नहीं चुका पाया तो मंगलवार को उसकी 15 बीघा 2 बिस्वा जमीन 46 लाख रुपये में नीलाम कर दी।दौसा के रामगढ़ पचवारा के जामुन की ढाणी निवासी कजोड़ मीणा ने खेत में नलकूप लगाने के लिए करीब 3 लाख 87 हजार का कर्ज राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से लिया था. लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह लोन नहीं चुका सका. करीब ढाई 2 माह पूर्व किसान कजोड़ मीणा की मौत हो गई थी। इसके बाद बैंक प्रशासन ने किसान के बेटों से कर्ज चुकाने के लिए नोटिस जारी किए। किसान पर ब्याज सहित करीब 7 लाख रुपए का ऋण हो चुका था। जब किसान का परिवार कर्ज नहीं चुका पाया तो मंगलवार को उसकी 15 बीघा 2 बिस्वा जमीन 46 लाख रुपये में नीलाम कर दी। लेकिन प्रशासन ने केसीसी का लोन नहीं चुका पाने पर नीलाम की प्रक्रिया निरस्त कर दी है। जिसके पीछे प्रशासन ने डीएलसी दर से कम बोली लगने के कारण नीलामी प्रक्रिया को निरस्त करने का तर्क दिया कि है। इसके साथ ही बैंक और किसान परिवार को सेटलमेंट करने के निर्देश दिए।