झारखंड : देवधर की त्रिकूट पहाड़ियों पर रोपवे की ट्रॉलियां आपस में टकरायी। NDRF और सेना बचाव में जुटी । हैलीकॉप्टर से जिंदगी बचाने की जद्दोजहद

झारखंड के देवघर में त्रिकूट पहाड़ियों पर रोपवे की ट्रॉलियां आपस में टकराने से कम से कम दो लोगों की मौत हो चुकी है, घटना के पूरी रात गुजर जाने के बाद भी सुबह तक दर्जनों लोग हवा में ही झूल रहे थे। कम से कम 48 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है. जो पर्यटक फंसे हैं वो बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हालात पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने हादसे, राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली। मौके पर देर रात से ही एनडीआरएफ की टीम की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है।

मदद के लिए सेना भी बुलाई गई, सोमवार सुबह सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सुबह करीब साढ़े छह बजे वायु सेना का हेलिकॉप्टर पहुंचा। इसमें कमांडो भी मौजूद थे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने से पहले हवाई सर्वे किया गया। केबिन में फंसे लोगों तक खाने का पैकेट पहुंचाने की कोशिश हुई। दोपहर 12 बजे MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से दोबारा रेस्क्यू शुरू किया गया। कुल मिलाकर पिछले 21 घंटे में 22 श्रद्धालुओं को बचाया गया। अब तक दो लोगों की मौत हो गई है। सेना को रेस्क्यू में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। दरअसल, ट्रॉलियां दो पहाड़ों के बीच फंसी हैं। नीचे खाई है। हेलिकॉप्टर को जैसे ही इनके पास ले जाया जाता है, तेज हवा की वजह से ये हिलने लगती हैं। बेहद संभलकर एयरलिफ्ट किया जा रहा है। कुछ लोगों को रस्सी के सहारे लोगों को निकाला गया।
रिपोर्ट के अनुसार रोपवे में लोग अभी भी में फंसे हुए हैं और बचाव अभियान जारी है। एक अधिकारी ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि यह घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई, जिसके परिणामस्वरूप केबल कारों की टक्कर हुई। हालांकि हादसे के सटीक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। रोपवे में फंसे लोगों को निकालने कोशिश चल रही है। ऊपर फंसे हुए लोगों को ड्रोन के जरिए खाना-पानी दिया जा रहा है। 

आपको बता दें कि त्रिकुटी की सबसे ऊंची चोटी समुद्र तल से 2470 फीट ऊपर देवघर शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी देवघर-दुमका रोड पर मोहनपुर ब्लॉक में है. रोप वे जमीन से लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर है. त्रिकुटी पहाड़ की तलहटी मयूराक्षी नदी से घिरी हुई है. रोप वे की लंबाई लगभग 766 मीटर (2512 फीट) है. त्रिकुट रोप वे मे पर्यटकों के लिए कुल 26 केबिन हैं. त्रिकुट पहाड़ पर त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद की आश्रम है। यहां हर साल हजारों लोग पिकनिक मनाने और मंदिर में दर्शन करने जाते हैं। इसके लिए यहां एक रोप-वे बनाया गया है। यह झारखंड का एकमात्र और बिहार झारखंड का सबसे ऊंचा रोपवे है। इस पर पहुंचने के लिए एक-एक ट्रॉली में 4-4 लोगों को बैठाकर ऊपर भेजा जाता है

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