उत्तराखण्ड : पोक्सो एक्ट लगाने के विरोध में पत्रकार सड़क पर उतरे, जलूस निकालकर कोतवाली पर दिया धरना

पड़ोसी के साथ हुए मारपीट प्रकरण में हरिद्वार पुलिस द्वारा सुनियोजित षढ़यंत्र के तहत साजिशन पत्रकार पिता-पुत्र को पोक्सो जैसी गंभीर धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेजने से आक्रोशित पत्रकार आज सड़क पर उतर आये। हरिद्वार प्रेस क्लब के नेतृत्व में विभिन्न पत्रकार संगठनों के सदस्य और जिलेभर बड़ी संख्या में पत्रकार प्रेस क्लब भवन से जलूस की शक्ल में नारे लगाते हुए शिवमूर्ति चौराहा और ललतारो पुल होते हुए कोतवाली पहुंचे और उसके आगे धरना देकर बैठ गये। कुछ देर बाद पुलिस क्षेत्राधिकारी अभय प्रताप सिंह और कोतवाल राजेश शाह ने पहले धरना स्थल पर और उसके बाद काफी देर कोतवाली में पत्रकारों से वार्ता की। पुलिस क्षेत्राधिकारी ने मामले को अपने स्तर से देखने का आश्वासन दिया। उधर पत्रकारों का कहना था है पहले उनके साथी उनके बीच जा जाये उसके बाद वे इस मामले को देखेंगे। पत्रकारों के पुलिस की इस कार्यवाही को हरिद्वार के इतिहास में एक काला अध्याय बताते हुए मामले में संलिप्त पुलिस अधिकारियों को हटाने की मांग की।
घटना से गुस्साये पत्रकारों ने जहां मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेज कर घटना की उच्चस्तरीय जांच और आरोपी पुलिस अधिकारियों को हटाये जाने की मांग की वहीं इस मामले में आर-पार की लड़ाई लड़ने का भी निर्णय लिया है।
पत्रकारों ने आरोप लगाया कि 4 अगस्त 2021 को वरि0 पत्रकार वेदप्रकाश चौहान, उनके पत्रकार पुत्र संजय चौहान और परिजनों के विरूद्ध पड़ोसी सुषमा विश्नोई ने अपने और अपनी नाबालिग पुत्रियों के साथ मारपीट और गाली गलौच की शिकायत कोतवाली में की थी। जिसमें लैंगिक अपराध या बाल यौन शोषण जैसी कोई बात नहीं लिखी गयी है। बावजूद इसके पुलिस ने 6 अगस्त को बयान दर्ज करवाने के बहाने साजिशन वेदप्रकाश चौहान और संजय चौहान को कोतवाली बुलाकर मु0अ0 संख्या-669/21 धारा 323, 354, 354ख, 504, 506 भा.द.वि. व 11/12 पोक्सो एक्ट में गिरफ्तार कर दोनो जेल भेज दिया।
इससे पूर्व दोनों पत्रकारों को पुलिस द्वारा कोतवाली बुलाये जाने की सूचना पर जब प्रेस क्लब हरिद्वार के अध्यक्ष राजेन्द्रनाथ गोस्वामी सहित कई वरि0 पत्रकार घटना के बारे में जानकारी लेने कोतवाली गये तो कोतवाल और विवेचना अधिकारी ने उनके साथ भी अभद्रता करते हुए सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने की धमकी दी थी। इससे मामला और बिगड़ गया और तमाम पत्रकार प्रेस क्लब के नेतृत्व में पुलिस के विरूद्ध लामबद्ध हो गये। ज्ञातव्य है कि लाकडाउन के दौरान पुलिस के साथ पत्रकार वेदप्रकाश चौहान का विवाद हुआ था। तभी से वे पुलिस के टारगेट पर थे। हालिया घटना के बहाने पुलिस पत्रकार वेदप्रकाश चौहान और उनके पुत्र के विरूद्ध पोक्सो एक्ट लगा कर अपनी भड़ास निकालने की कोशिश तो की लेकिन यह पुलिस के गले की फांस बन गया।

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