पत्रकारों पर झूठा पोक्स एक्ट : एनयूजे ने मुख्यमंत्री से की आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
हरिद्वार। पड़ोसी के साथ हुए मारपीट और गालीगलौच के मामले हरिद्वार पुलिस द्वारा सुनियोजित साजिश के तहत पत्रकार पिता-पुत्र को पोक्सो जैसी गंभीर धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेजने की घटना से आक्रोशित नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
यूनियन ने आरोप लगाया है कि 4 अगस्त 2021 को वरि0 पत्रकार वेदप्रकाश चौहान, उनके पत्रकार पुत्र संजय चौहान और परिजनों के विरूद्ध पड़ोसी सुषमा विश्नोई ने अपने और अपनी नाबालिग पुत्रियों के साथ मारपीट और गाली गलौच की शिकायत कोतवाली में की थी। जिसमें लैंगिक अपराध या बाल यौन शोषण जैसी कोई बात नहीं लिखी गयी है। बावजूद इसके पुलिस ने 6 अगस्त को बयान दर्ज करवाने के बहाने साजिशन वेदप्रकाश चौहान और संजय चौहान को कोतवाली बुलाकर मु0अ0 संख्या-669/21 धारा 323, 354, 354ख, 504, 506 भा.द.वि. व 11/12 पोक्सो एक्ट में गिरफ्तार कर दोनो जेल भेज दिया।
इससे पूर्व दोनों पत्रकारों को पुलिस द्वारा कोतवाली बुलाये जाने की सूचना पर जब प्रेस क्लब हरिद्वार के अध्यक्ष राजेन्द्रनाथ गोस्वामी, मुकेश वर्मा, मुदित अग्रवाल, बालकृष्ण शास्त्री, रामेश्वर शर्मा सहित कई वरि0 पत्रकार घटना के बारे में जानकारी लेने कोतवाली गये तो कोतवाल और विवेचना अधिकारी ने उनकी एक नहीं सुनी बल्किउनके साथ भी अभद्रता करते हुए सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने की धमकी दी थी। इससे मामला और बिगड़ गया और तमाम पत्रकार प्रेस क्लब के नेतृत्व में पुलिस के विरूद्ध लामबद्ध हो गये हैं। अवगत हों कि लाकडाउन के दौरान पुलिस के साथ पत्रकार वेदप्रकाश चौहान का विवाद हुआ था। तभी से वे पुलिस के टारगेट पर थे। हालिया घटना के बहाने पुलिस पत्रकार वेदप्रकाश चौहान और उनके पुत्र के विरूद्ध पोक्सो एक्ट लगा कर अपनी भड़ास निकालने की कोशिश तो की लेकिन यह पुलिस के गले की फांस बन गया।
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की ओर से यूनियन के संरक्षक एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य त्रिलोक चंद्र भट्ट ने मुख्यमंत्री और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर मामले कुछ उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।