ईएसआई का फर्जी रिकवरी पत्र बना वकील ने बुजुर्ग से लाखों ठगे
नौकरी से सेवानिवृत्त के बाद बागवानी संरक्षण का काम करने वाले बुजुर्ग को राजधानी देहरादून के एक वकील ने ईएसआईसी के रिकवरी पत्र का डर दिखाकर उनसे रिकवरी के नाम पर 8.39 लाख रूपये के साथ अपनी फीस के नाम पर भी 70 हजार रूपये की धोखाधड़ी की है। बुजुर्ग की शिकायत पर इस मामले में डालनवाला पुलिस ने अभियोग पंजीकृत किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करनपुर निवासी सुशील कुमार शर्मा नौकरी से सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी कार्यालयों के बगीचों व बागवानी संरक्षण का काम करते थे। अस्वस्थता के कारण उन्होंने 2016 में अपनी फर्म बंद कर इसकी सूचना ईपीएफओ आयुक्त को भी दी थी। लेकिन इसी वर्ष 20 मार्च अंग्रेजी में लिखा एक पत्र मिलने पर वे उसे समझने के लिए वह एडवोकेट विपिन कुमार के घर करनपुर पहुंचे तो पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है और अब उनका कामकाज पुत्र विथलेश यदुवंशी देखता है। बुजुर्ग सुशील कुमार के मिलने पर एडवोकेट विथलेश ने उनसे कहा कि वह उनका सारा काम करा देगा, जिसके लिए बीमा निगम को फर्म बंद करने का जवाब बनाकर भेज रहा है। 15 दिन बाद सुशील कुमार जब एडवोकेट विथलेश के पास पहुंचे तो उसने बुजुर्ग को ईएसआईसी का 19 लाख रुपये रिकवरी संबंधी पत्र दिखाते हुए डराया कि 31 जुलाई तक रिकवरी नहीं दी तो आप पर पेनाल्टी के साथ मुकदमा भी होगा। बुजुर्ग को डरा कर मामले का निपटारा करने के नाम पर एडवोकेट विथलेश ने पीड़ित सुशील कुमार से 8.39 लाख रुपये के साथ अपनी फीस के नाम पर 70 हजार रुपये का चेक भी ले लिया। जिसकी कोई रसीद नहीं दी। बाद में बुजुर्ग को पता चला कि रिकवरी पत्र झूठा है जो विथलेश ने जालसाजी कर बनाया था। बुजुर्ग ने आरोप लगाया है कि जब वकील से अपने पैसे वापस मांगे तो उन्हें धमकियां दी गयी। जिसके बाद बाद बुजुर्ग ने डालनवाला थाने में आरोपी वकील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।