अब खुली हवा में सांस लेगा राजीव गांधी का हत्यारा। सुप्रीम कोर्ट ने ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य कैबिनेट का फैसला राज्यपाल पर बाध्यकारी है। सभी दोषियों की रिहाई का रास्ता खुला हुआ है।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का दोषी ए.जी. पेरारीवलन उम्रकैद की सजा काट रहा है। वह फिलहाल जमानत पर रिहा है। उसने रिहाई के लिए याचिका डालकर कहा था कि वो 31 साल से जेल में बंद है, उसे रिहा किया जाना चाहिए। 2018 में तमिलनाडु कैबिनेट ने उसे रिहा करने का फैसला किया था, लेकिन राज्यपाल ने मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था, तभी से उसकी रिहाई का मामला लंबित था। पेरारिवलन के वकील ने दलील दी थी कि उसने कई साल जेल में काट लिए हैं, उसका आचरण सही है और उसे जेल से रिहा किया जाना चाहिए। सितंबर, 2018 में तत्कालीन ।प्।क्डज्ञ कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया था और पेरारिवलन सहित उम्रकैद की सजायाफ्ता सभी सात दोषियों की समयपूर्व रिहाई का आदेश देने के लिए तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को अपनी सिफारिश भेजी थी, लेकिन राज्यपाल के फैसला ना करने पर पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कानूनी और संवैधानिक सवाल यही है कि क्या राज्यपाल कैबिनेट की सम्मति के खिलाफ जा सकते हैं? ये गंभीर मसला है। इससे संघीय ढांचे पर प्रतिगामी प्रभाव हो सकता है। इससे संघीय व्यवस्था नष्ट हो सकती है। कानून से ऊपर कोई नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ‘सरकार हमारे आदेश का पालन करे वरना कोर्ट आदेश पारित करेगा क्योंकि सरकार कानून पालन ना करे तो कोर्ट आंखें बंद कर बैठा नहीं रह सकता। हमारी निगाह में कानून से ऊपर कोई नहीं है।’