सड़के बनी तालाब तो एल्यूमीनियम के पतीले में बैठ कर शादी करने पहुंचे दूल्हा-दुल्हन
कुछ रीति-रिवाज, रिश्ते और बंधन ऐसे होते हैं कि प्रलय भी आ जाये तो वह नहीं रूकते। केरल में जब चारों ओर मूसलाधार बारिश, बाढ़ और मकानों के ध्वस्त होने के साथ शहर की सड़कें नदी बनी थी ऐसे में हर कोई अपनी जान बचाने की चिंता थी। लेकिन एक परिवार ऐसा था जिन्होंने पूर्व से तय हुयी शादी को नियम समय पर कराने के लिए प्रलयकारी बाढ़ की भी परवाह नहीं की। बारिश के कारण जब पानी से लबालब सड़कों पर गाड़ी, घोड़ा, और बग्गी चलने की गुंजाइश नहीं रही तो वर-वधु को गांव वाले और उनके रिश्तेदार खाना बनाने वाले एल्यूमीनियम बड़े पतीले (जिसे यहां चूंबू कहा जाता है) में बैठाकर पानी की खेते हुए दोनों को विवाह स्थल पर ले गये। और धूमधाम से उनकी शादी कराई। विवाह करने वाले अलप्पुजा के आकाश और ऐश्वर्या, दोनों स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। उनका विवाह थालावड़ी के मंदिर के हॉल में संपन्न हुआ है। जहां पर पहुंचने के लिए परिवार और रिश्तेदारों ने तमाम संसाधनों पर विचार किया । जब कोई रास्ता नहीं निकला तो स्थानीय मंदिर प्रबंधन में उन्हें एल्यूमीनियम बड़े पतीले में विवाह स्थल पर लाने का सुझाव दिया तो बात बन गई। इसके लिए बकायता मंदिर प्रबंधन ने ही बड़े पतीले भी उपलब्ध करवाये थे। उनके गांव वाले और रिश्तेदार दोनों को पतीले में बैठकर पानी पर नाव की तरह खेते हुए विवाह स्थल पहुंचे जहां पूरे विधि विधान के साथ उनका विवाह संपन्न हुआ। यह विवाह चर्चा का विषय बना हुआ है