रुद्रप्रयाग में अलकनंदा उफान पर, 15 फ़ीट ऊंची शिव मूर्ति डूबी, ताज़ा हुए केदारनाथ आपदा के जख्म

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मौसम लोगों को डराने लगा है। कभी टूटते पहाड़ परेशानी बन रहे हैं, तो कभी उफनती नदियां और फटते बादल जीवन  खुशहाली लील रहे हैं। ऐसे में पहाड़ पर जीवन की खुशहाली को मौसम का दंश झेलना पड़ रहा है। नदियों के उफान पर होने से हंसते खेलते परिवारों का बेघर होना पड़ रहा है और राते खौफ के साए में बीत रही हैं। प्रकृति का यही प्रकोप पहाड़ के कई इलाकों को केदारनाथ आपदा की याद दिला रहा है।
2013 में आई केदारनाथ आपदा के एक बार फिर अलकनंदा नदी का विकराल रूप लोगों को डराने लगा है। बद्रीनाथ से बहने वाली अलकनंदा नदी ने रुद्रप्रयाग में इतना विकराल रूप धारण कर लिया है कि सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। नदी का पानी 20 मीटर दूर स्थित 15 फ़ीट  ऊंची शिवमूर्ति तक पहुंच गया है। यहाँ नदी का जलस्तर इतना बढ़ा हुआ है कि मूर्ति का सिर्फ सिर ही दिखाई दे रहा है। ऐसे में कभी दूर से दिखने वाली ये शिवमूर्ति नाममात्र को नज़र आ रही है। हांलाकि ये परिस्थिति तब है, जब अलकनंदा खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे बह रही है। लेकिन ये देखकर लोग सिहर गए हैं। खासकर नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अनहोनी का डर सता रहा है, क्योंकि वें पहले भी नदी का विकरालतम रूप देख चुके हैं। 
बात दें कि घाटों की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद हो गए हैं। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। घाटों पर आवाजाही करने पर रोक लगा दी गई है। अगर बरसात इसी तरह जारी रही तो शीघ्र ही नदी किनारे रह रहे लोगों से घर खाली कराये जाएंगे। बात करें मौसम की तो आज भी प्रदेश के कई जिलों में मौसम खराब बना हुआ है। 

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