कीड़ा जड़ी बेचने आया युवक गिरफ्तार

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिकती है 18 से 20 लाख रुपये किलो

आइटी पार्क में कीड़ाजड़ी की सप्लाई होने की सूचना पर चैकिंग कर रही पुलिस ने चमोली से सस्ते दामों कीड़ा जड़ी खरीद कर देहरादून में बेचने आये युवक को 350 ग्राम कीड़ा जड़ी सहित गिरफ्तार कर लिया। धारण रोड पर पैदल जा रहे युवक को पुलिस ने शक के आधार पर रोक कर जब उसके बैग की तलाशी ली तो एक डिब्बे में जड़ीबूटी का डिब्बा मिला। वन विभाग के दरोगा पूरण सिंह रावत को मौके पर बुलाकर जब वह डिब्बा दिखया गया तो उन्होंने कीड़ाजड़ी होने की पुष्टि की। मूलतः चमोली का रहने वाला आरोपी आलोक मिश्रा देहरादून के सोंधोवाली, राजपुर में रहता है। पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए हैं। जिनसे उसके संपर्कों की जांच की जा रही है। बता दें कि समुद्रतल से 3200 से 4800 मीटर तक हिमालयी एवं उच्च हिमालयी क्षेत्रो में पाये जाने वाली कीड़ा जड़ी जिसे यार्सा गंबू भी कहते हैं। भारत के उत्तराखंड के अलावा यह जड़ी चीन, नेपाल और भूटान के हिमालयी क्षेत्रों में भी मिलती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह जड़ी करीब 18 लाख रुपये किलो बिकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी भारी मांग को देखते हुए इसकी तस्करी भी होती है। पिथौरागढ़ के उच्च हिमालय में पोटिंग ग्लेशियर क्षेत्र, लास्पा, बुर्फू, रालम, नागनीधुरा, महोरपान, दर्ती ग्वार, छिपलाकेदार, दारमा, व्यास के अलावा चमोली और उत्तरकाशी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पायी जाती है। कीड़ा जड़ी का इस्तेमाल प्राकृतिक स्टीरॉयड की तरह किया जाता है। यौन शक्ति बढ़ाने, कैंसर और नपुंसकता समेत यह कई बीमारियों के इलाज में काफी असरदार है। आयुर्वेद के मुताबिक, सांस और गुर्दे की बीमारी को सही करने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही यह जड़ी शरीर में रोगरोधी क्षमता को भी बढ़ाती है। इसी वजह से इसे हिमालयी वायग्रा के नाम से जाना जाता है।  अनियंत्रित दोहन के इसके अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है। ये एक तरह का जंगली मशरूम है जो हैपिलस फैब्रिकस नाम के एक कीड़े के ऊपर उगता है। पीले-भूरे रंग की इस जड़ी का आधा हिस्सा कीड़ा और आधा हिस्सा जड़ी जैसा नजर आता है, इसलिए इसे कीड़ा जड़ी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम कॉर्डिसेप्स साइनेसिस है। दुनियाभर में लुप्त होने वाले पौधों, जानवरों और फंगस पर नजर रखने वाली संस्था इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन नेचर ने इसे रेड लिस्ट में डाल दिया है यानि ये खतरे में है.

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