चमोली में फटा बादल, मची तबाही, मजदूरों के करीब 15 टेंट मलबे में दबे, कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद

उत्तराखंड के चमोली जिले में सोमवार को तड़के बादल फटने की घटना से तबाही मच गई है। चमोली जिले के नारायणबगड में तड़के बादल फटने की घटना में बीआरओ के मजदूरों के करीब 15 टेंट मलबे में दब गए। वहीं मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे भी बंद हो गया है। मार्ग को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह नारायणबगड़ के पंती कस्बे के ऊपरी भाग में सुबह करीब 6 बजे बादल फटने से मंगरीगाड़ में आई बाढ़ ने पंती में भारी तबाही मचाई है। गधेरे (बरसाती नाले) के सैलाब से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों के करीब 10 से 15 टेंट मलबे में दब गए हैं। जब मलबा आया मजदूर अपने टेंट के अंदर थे। लेकिन जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।

जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह नारायणबगड़ के पंती कस्बे के ऊपरी भाग में सुबह करीब 6 बजे बादल फटने से मंगरीगाड़ में आई बाढ़ ने पंती में भारी तबाही मचाई है। गधेरे (बरसाती नाले) के सैलाब से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों के करीब 10 से 15 टेंट मलबे में दब गए हैं। जब मलबा आया मजदूर अपने टेंट के अंदर थे। लेकिन जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।

सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले

परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को बचा लिया। ये सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले हैं। घटना में जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के प्रयास जारी हैं।

नारायणबगड़ क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील
कई दोपहिया वाहन व कार भी मलबे में दबे हुए हैं। प्रशासन मौके पर पहुंच गया है। बचाव व राहत के कार्य शुरू कर दिए गए हैं। मजदूरों और उनके बच्चों को गांव के लोगों ने अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। बादल फटने की घटना से पूरे क्षेत्र के लोग खौफजदा हैं। स्थानीय जानकारों का कहना है कि नारायणबगड़ क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील है।

चमोली जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी के मुताबिक घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।

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