बेखौफ कैदी जेल में चला रहे हैं नशे का कारोबार
नशा अब हर ऐसी जगह मौजूद है जहां इसे प्रतिबंधित कियाा गया है। गांव देहात और नगरों, महनगरों से लेकर अति सुरक्षित समझे जाने वाली जेलों तक में नशे का कारोबार चल रह है। जिस तरह पुलिस हाईटेक हो रही है उसी तरह अपराधी भी अपराध के लिए नई नई तकनीक इजाद कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व अल्मोड़ा जेल में बंद कैदियों के नशे के कारोबार में शामिल होने की खबर सुर्खियों में थी। तब एसओजी की छापेमारी के दौरान जेल से कई मोबाइल भी बरामद हुए थे। अब खबर आई है कि कैदियों के पास टूथ पेस्ट, अचार और बाम के सीलबंद डिब्बों में छिपाकर चरस की सप्लाई हो रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ लोगों के पास इस तरह डिब्बे में कुछ सामग्री मिली थी। इसी के आधार पर जेल प्रशासन ने कड़ाई से तलाशी ली। बंदी के पास मौजूद झंडू बाम के डिब्बे में चरस मिली। इसके बाद अचार के सील बंद डिब्बे को खोला गया। उसमें भी पॉलीथिन के अंदर से चरस मिली। ताला मामले में जमानत से लौटे बंदी प्रतीक अग्रवाल के पास से चरस बरामद हुई। बंदी प्रतीक ने इसे सील बंद अचार के जार, पेस्ट और झंडू बाम की तली में छिपाया था। तलाशी में प्रतीक के पास से तीन हिस्सों में कुल 40 ग्राम चरस बरामद हुई। जिला कारागार अल्मोड़ा में लगातार हो रही ऐसी घटनाओं के बाद जेल प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। अब कैदियों के लिए ले जायी जा रही खाद्य सामग्री और मुलाकातियों की बारीकी से जांच की जा रही है।