थर्मल सेंसर रोकेंगे हाथियों की मौत की घटनाएं
हरिद्वार-देहरादून के बीच सभी रेलवे स्टेशनों पर लगने हैं सेंसर
उत्तराखण्उ के राजाजी टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली ट्रेनों की चपेट में आकर बीत बीस सालों में तीस से अधिक हाथियों की जान गयी है। टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार पैंतीस कि0मी0 प्रतिघंटा निर्धारित है। बावजद इसके हाथियों के ट्रेन की चपेट में आकर जान गवांने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान और चंडीगढ़ की निजी कंपनी की मदद से तैयार किए गये, अत्याधुनिक थर्मल सेंसर वन्यजीवों की निगरानी और उन्हं रेल हादसों से बचाने के लिए लगाए जा रहे हैं। रेलवे ने पहले चरण में कासरो रेलवे स्टेशन के पास थर्मल सेंसर लगाया है। अगले चरण में हरिद्वार से लेकर देहरादून के बीच जितने भी रेलवे स्टेशन है, वहां पर थर्मल सेंसर लगाए जाएंगे। ताकि, हाथियों का झुंड जैसे ही रेलवे लाइन की तरफ आए तो इसकी जानकारी तत्काल मिल जाए। थर्मल सेंसर के जरिए रेलवे लाइनों के आसपास हाथियों के झुंड की जानकारी मिलने पर रेलवे अधिकारियों को भी जानकारी देकर ट्रेनों की गति को बेहद कम रफ्तार से टाइगर रिजर्व क्षेत्र में गुजारने के लिए कहा जाएगा। टाइगर रिजर्व के हाथों को रेलवे लाने की जानकारी हासिल करने के लिए थर्मल सेंसर लगाए जाने की योजना पर पिछले तीन साल से काम किया जा रहा था। सेंसर लगाए जाने के साथ ही टाइगर रिजर्व अधिकारियोंए कर्मचारियों ने भी राहत की सांस ली है।