उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव : पैसे वालों और अपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों का बोलबाला

70 में 13 विधानसभाओं में कम से कम 3 प्रत्याशी अपराधिक पृष्ठभूमि के
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) उत्तराखंड इलेक्शन वॉच ने किया खुलासा

खास बातें

  • 252 प्रत्याशी करोड़पति, 200 से अधिक हैं लखपति
  • 107 उम्मीदवार हैं आपराधिक पृष्ठभूमि के 61 पर गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज
  • 3 प्रत्याशी अंगूठा छाप, 26 केवल साक्षर, 244 पांचवी से बारहवीं पास

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) उत्तराखंड इलेक्शन वॉच ने आसन्न विधानसभा चुनाव 2022 को दृष्टिगत रखते हुए संपूर्ण उत्तराखंड में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया हुआ है। यह अभियान एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक सैनिक शिरोमणि श्री मनोज ध्यानी के नेतृत्व में लगातार संचालित है। इस अभियान दल ने 18 नवंबर 2021 से पहाड़ से पहाड़ तक की यात्रा को पूरा करते हुए समूचे पर्वतीय जनपदों का दौरा पूर्ण किया है। इस अभियान दल ने पर्वतीय जनपदों में मतदाता जागरूकता अभियान को पूरा करने के उपरांत तराई क्षेत्रों में अभियान छेड़ा हुआ है। एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच का अभियान दल जनसंवाद, कस्बा बाजारों में पर्चा व पोस्टर बांटकर विमर्श की श्रंखलाए एवं वेबीनार आयोजित कर मतदाताओं को जागरूक करने का भरसक प्रयास कर रहा है।

एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के प्रचार पोस्टर में 2012 व 2017 की विधानसभा में चुने गए विधायकों की संपत्ति, अपराधिक पृष्ठभूमि, शैक्षणिक योग्यता आयु, व लिंग से संबंधित आंकड़ा दिया गया है व उनके द्वारा 2012 के मुकाबले 2017 में विधानसभा के भीतर अपराधिक पृष्ठभूमि व करोड़पतियों की संख्या बढ़ने पर आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। मतदाताओं को पर्चा पोस्टर द्वारा यह बताने का प्रयास किया गया है कि उनके द्वारा निर्वाचित विधानसभा में बाहुबल और धनबल का अत्यधिक प्रभाव है।

एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच की टीम ने बीते रोज विधानसभा चुनाव 2022 में खड़े सभी उम्मीदवारों के अपराधिक पृष्ठभूमि, शैक्षणिक योग्यता, वित्तीय स्थिति से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट जारी की है, इस रिपोर्ट के द्वारा पता चलता है कि उत्तराखंड में चुनाव लड़ रही सभी राष्ट्रीय पार्टियों ने बाहुबलियों व धन्नडेय उम्मीदवारों पर दांव खेला है। आसन्न चुनाव में 123 करोड़ तक संपत्ति रखने वाले लोगों को टिकट दिया गया है व औसतन एक उम्मीदवार की संपत्ति 2.74 करोड रुपए है चुनाव में 40% उम्मीदवार करोड़पति ( कुल संख्या 252)हैं, वही लखपतियों की संख्या भी 200 के पार है। एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक ने बताया कि मतदाता के लिए चिंता का विषय यह होना चाहिए की 107 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं और इनमें से 61 पर गंभीर धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। प्रत्येक राजनीतिक दल ने अपराधियों को टिकट बांटने में दिलचस्पी दिखाइ है, जिसमे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को, भारतीय जनता पार्टी ने 13 उम्मीदवारों को, आम आदमी पार्टी ने 15 उम्मीदवारों को, बहुजन समाज पार्टी ने 10 उम्मीदवारों को, उत्तराखंड क्रांति दल ने 7 उम्मीदवारों को टिकट बांटे हैं, जिन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। गंभीर श्रेणी का अपराध करने वालों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 11, भारतीय जनता पार्टी के 8, आम आदमी पार्टी के 9, बहुजन समाज पार्टी के 6, उत्तराखंड क्रांति दल ने 4 उम्मीदवारो को टिकट दिए गए हैं। यहां तक की 38 निर्दलीय उम्मीदवार व अन्य उम्मीदवार भी अपराधिक पृष्ठभूमि के चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। गंभीर अपराध की श्रेणी में 6 के खिलाफ महिलाओं के विरुद्ध हिंसक अपराध करना, एक के खिलाफ हत्या, 3 के खिलाफ हत्या की कोशिश करना जैसे अपराध करने वालों को भी टिकट दिए गए हैं। हद तो इस बात की है की भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (N) के तहत लगे मुकदमे वाले प्रत्याशी तक को राष्ट्रीय राजनीतिक दल ने अपना प्रत्याशी बनाया है

विदित रहे कि आईपीसी 376 (2)(N) के तहत किसी महिला पर बार-बार बलात्कार किए जाने का अपराध गिना जाता है जिसके तहत आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान सम्मिलित है। एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच ने अपनी चिंता को जाहिर करते हुए कथन किया कि 70 में से 13 विधानसभा में रेड अलर्ट कांस्टीट्यूएंसी (अति संवेदनशील विधानसभा क्षेत्र) है। ये वह निर्वाचन क्षेत्र है जिनमें कम से कम तीन उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार मैदान में उतरे हुए हैं। शैक्षणिक पृष्ठभूमि की बात की जाए तो इस चुनाव में 3 प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो विशुद्ध अंगूठा छाप हैं, व 26 मात्र साक्षर है। 244 उम्मीदवार पांचवी से बारहवीं पास किए हुए हैं। डिप्लोमा धारियों की संख्या 26 है। एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के अभियान मे निरंतर की जा रही मांग की चुनाव आयोग के 6 मार्च 2020, 10 अक्टूबर 2018 के निर्देशों जो कि सर्वोच्च न्यायालय का 25 सितंबर 2018 एवं 13 फरवरी 2020 के आदेशों के अनुपालन हेतु सभी राजनीतिक दलों के दागी उम्मीदवारों के रिकॉर्ड अखबारों में प्रकाशित होने चाहिए व रेडियो, टेलिविजन सोशल मीडिया व संचार आदि के माध्यम से जनता तक सूचना पहुंचाना जाना अनिवार्य बनाया गया है का परिणाम कुछ-कुछ अनुपालन होता दिखने लगा है।

एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच की मांग रही है कि:

  • हत्या,बलात्कार, स्मगलिंग, डकैती, अपहरण जैसे गंभीर अपराध मे संलिप्त, सजायाफ्ता उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर आजीवन रोक लग जानी चाहिए। यदि किसी व्यक्ति पर चुनाव से कम से कम 6 माह पूर्व गंभीर अपराध का मुकदमा दर्ज होता है वह जिस में अपराध की की सजा 5 वर्ष निर्धारित हो ऐसे व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध होना चाहिए।
  • जो भी राजनीतिक दल दागियों को टिकट प्रदान कर रहे हैं उनको आयकर की छूट दिए जाने पर रोक लगनी चाहिए।
  • सभी राजनीतिक दलों को आरटीआई (लोक सूचना अधिकार अधिनियम) के दायरे में लाया जाना चाहिए।
  • यदि राजनीतिक दल जानबूझकर अपराधियों को टिकट दे रही है तो उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाना चाहिए।
  • राजनीतिक दलों को अपने समस्त पदाधिकारियों के अपराध से संबंधित रिकॉर्ड वर्ष वार सार्वजनिक करने चाहिए।
  • फॉर्म 26 निर्वाचन पत्रावली में यदि कोई उम्मीदवार गलत जानकारी उपलब्ध करा रहा है तो उस की उम्मीदवारी रद्द की जानी चाहिए।
  • राजनीतिज्ञों के मुकदमे निश्चित समय में सुनवाई कर पूरे किए जाने चाहिए चुनाव के समय प्रत्येक बूथ के आगे सभी उम्मीदवारों के आंकड़े दर्शाने का नियमन बनना चाहिए काकी मतदाता तक पूरी जानकारी पहुंच सके।

एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक का कथन है कि नीति आयोग की प्रकाशित 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड की 18% आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन निर्वहन करती है तो ऐसे में राजनीतिक दलों द्वारा 2022 चुनाव में 80% से 86% तक करोड़पतियों को व 17% से 33% तक आपराधिक आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को टिकट देकर उम्मीदवार बनाना न्याय व कानून एवं मर्यादा सम्मत नहीं है। एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच ने ने उत्तराखंड के मतदाताओं से यह अपील की जा रही है कि वह इस चुनाव में एक साफ छवि वाले और ईमानदार उम्मीदवार के लिए मतदान करने की शपथ लें वह जो कि अच्छा काम करते हैं। एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच की अपील है कि मतदाता बेहद जिम्मेदारी के साथ अपने मतदान का प्रयोग करते हुए जाति, धर्म, पंत, लिंग, धन,और उपहार के आधार पर मतदान करने की प्रवृत्ति से बचे। यदि उनके निर्वाचन क्षेत्र में कोई भी उम्मीदवार योग्य ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ वह साफ छवि का नहीं है तो व नोटा का प्रयोग कर अपनी राजनीतिक जागरूकता का परिचय दें। एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच कि अभियान दल में हरिद्वार पहुंचे सदस्यों में एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक सैनिक शिरोमणि श्री मनोज ध्यानी, फ्री स्माइल फाउंडेशन के अध्यक्ष रवि त्यागी कार्यकारी अधिकारी पियूष त्यागी, सदस्य वर्णिक, अमन अरोड़ा व श्री पुष्पाल सिंह राणा सम्मिलित रहे।

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