गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर दिखेंगे उत्तराखण्ड की संस्कृति के विविध रंग

राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड को 13 बार देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर झांकी के प्रदर्शन का अवसर मिल चुका है। इस बार भी 26 जनवरी के दिन उत्तराखंड को गणतंत्र दिवस परेड के माध्यम से दर्शकों को अपने राज्य की संस्कृति के दर्शन कराने का अवसर मिला है। 26 जनवरी के दिन राजधानी दिल्ली के राजपथ पर उत्तराखण्ड की संस्कृति के विधि रंग दिखाई देंगे। राजपथ पर होनी वाली परेड में उत्तराखंड की सुन्दर झांकी नजर आएगी। इस बार की झांकी की थीम विविधताओं से भरी है। देश-दुनिया के लोग राजपथ पर डोबरा-चांठी पुल की झांकी के साथ-साथ सिखों के प्रमुख तीर्थ हेमकुंड साहिब, टिहरी डैम और भगवान बद्री विशाल के मंदिर की भव्यता एवं दिव्यता के दर्शन कर सकेंगे। उत्तराखंड की झांकी को बड़ी खूबसूरती से बनाया गया है। देवभूमि उत्तराखंड की झांकी में गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब को सबसे आगे, इसके बाद टिहरी बांध फिर डोबरा चांठी पुल और इसके बाद करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र भगवान बदरी विशाल के मंदिर को दर्शाया जाएगा। सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुतियां भी होंगी। कुमाऊं सांस्कृतिक लोककला दर्पण लोहाघाट, चंपावत के 16 कलाकारों का सांस्कृति दल झांकी के साथ चलता नजर आएगा।
इससे पूर्व साल 2003 में फूलदेई, 2005 में नंदा राजजात यात्रा, 2006 में फूलों की घाटी, 2007 में कार्बेट नेशनल पार्क, 2009 में साहसिक पर्यटन, 2010 में कुंभ मेला, 2014 में जड़ी-बूटी, 2015 में केदारनाथ धाम पुनर्निमाण, 2018 में ग्रामीण पर्यटन, 2019 में अनासक्ति आश्रम कौसानी और 2021 में केदारनाथ धाम की झांकी अपनी थीम और सुन्दरता के कारण राजपथ पर अपनी विशेष छाप छोड़ चुकी है। इस बार भी उत्तराखंड की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में आकर्षण का केंद्र रहेगी। झांकियों को दिल्ली में ही तैयार किया जा रहा है।

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